माँ - बाप, बच्चे और फैसले

माँ - बाप,  बच्चे   और   फैसले
           क्यों हमें पता नहीं चलता.... क्यों हमें हमेशा अपने माँ -बाप के फैसले गलत लगते है। जब खुद बच्चे माँ-बाप बनते है तब बच्चो को ये एहसास होता है , की वाकई हम ही गलत थे।   कभी कबार पछतावा भी करलेते है।
            मां बाप और बच्चों के बीच की दूरियां कब बढ़ती है, जब दोनों के बीच की सोच-दोनों में अंतर हो, तब दूरियां बढ़ जाती है । मां बाप यह सोचते हैं कि बच्चे हमें समझते नहीं, बच्चे भी यही सोचते हैं कि मां-बाप हमें समझते नहीं, समझना तो दोनों को ही है मां बाप को यह समझना होगा कि हमारा जमाना अलग था और बच्चों का जमाना अलग है, और बच्चों को भी यह समझना होगा कि माता-पिता का जमाना अलग था बच्चों को यह भी समझना होगा की मां बाप ने जो जिंदगी जी है, उसमें उनका एक्सपीरियंस भी ज्यादा है अनुभव ज्यादा है जिंदगी का तजुर्बा फिर वह कैसा भी अच्छा हो या बुरा हो, लेकिन तजुर्बा मां-बाप का ज्यादा होता है । मां-बाप से हमें वह संस्कार मिलते हैं, वह सीख मिलती है जो दुनिया का कोई भी टीचर हमें नहीं दे सकता । बच्चों को कभी भी यह नहीं समझना चाहिए या फिर यह नहीं सोचना चाहिए कि मेरे माता   पिता मुझ पर हमेशा चिल्लाते रहते हैं, हर बार टोकते रहते हैं, अब यह ठोकना चिल्लाना कब होता है, माँ बाप को पता होता हे की जब बच्चे गलत रस्ते पे चल रहे है , जिस से बच्चो की लाइफ ख़राब हो सकती है या बर्बाद हो सकती है।  यह बात जब बच्चे बड़े होते है तभी उनको एहसास होता है।
   
              एक बात ऐसी हे जो माता-पिता और बच्चो दोनों को हमेशा याद रखनी होगी, वो बात यह है - की कभी कभी बच्चे जिंदगी में ऐसी गलती या फैसले  कर बैठते है जिस से  बच्चो की खुद की  जिंदगी  बहोत ख़राब हो जाती है , साथ साथ में माता-पिता भी बहोत दुखी हो जाते है।  इस लिए बच्चो को जिंदगी में संभल कर चलना चाहिए। इसमें इक बात जरूर कहुंगा की इस से बच्चे और  माता पिता दोनों को थोड़े वक्त के लिए बहोत अफ़सोस रहेगा , लेकिन वक्त के साथ साथ भूलते जाऐगे। अब बात आती हे मातापिता की , माता पिता कभी कभी बच्चो की लाइफ के फैसले जल्दबाजी में कर बैठते है जिस से बच्चो की जिंदगी हमेसा के लिए बर्बाद हो सकती है।  जैसे बच्चा  डॉक्टर बनने का सपना देखता है और मातापिता इंजीनियर बनाने पे जोर देते है। इस से बच्चे की लाइफ हमेसा के लिए ख़राब हो जाएगी। बाद में बच्चा तो दुखी होगा ही साथ में मातापिता को हमेसा के लिए अफ़सोस रहेगा।इस लिए बहोत सोच समझ कर जिंदगी में चलना होगा। मातापिता को भी और बच्चोको भी।                                                                         



     
         

1 comment:

  1. Thanks..! aap ko aur kon se visay pe padhna achha lagta hai? aap hame jarur bataiyega main us subject par likhne ki kosis avasya karunga

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