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SayarFire

भगवान की शायरी
तेरे दरबार में आकर ख़ुशी से फूल जाता हूँ
गम चाहे कैसा भी हो, मै आकर भूल जाता हूँ
बताने बात जो भी आऊ, वही मै भूल जाता हूँ…
ख़ुशी इतनी मिलती है कि माँगना भूल जाता हूँ


माँ के नाम
ए मेरे मालिक….
तूने गुल को गुलशन में जगह दी
पानी को दरिया में जगह दी
पंछियो को आसमान में जगह दी
उस शख्स को जन्नत में जगह देना
जिसने मुझे 9 महीने अपने पेट में जगह दी




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